हिंदी के एक प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत ने संध्या का वर्णन इस प्रकार किया है-

संध्या का झुटपुट


बांसों का झुरमुट


है चहक रहीं चिड़ियां


टी-वी-टी -- टुट्-टुट्


ऊपर दी गई कविता और सर्वेश्वरदयाल जी की कविता में आपको क्या मुख्य अंतर लगा? लिखिए।


इस कविता और सर्वेश्वरदयाल की कविता में प्रमुख अंतर है कि

(1) इस कविता में सिर्फ पक्षियों की चह-चहाहट का जिक्र है। जबकि सर्वेश्वरदयाल की कविता में पेड़, पहाड़, नदी, डूबते सूरज के अलावा किसान की भी बात की गई है।


(2) इसमें सिर्फ सूरज के डूबने के बाद के समय के बारे में बताया गया है जबकि सर्वेश्वरदयाल की कविता में सूरज के डूबने से पहले और बाद, दोनों के बारे में बताया गया है।


(3) इस कविता की भाषा अत्यंत सरल और सहज है साथ ही इसमें आसान और आम बोलचाल की भाषा के शब्दों का प्रयोग हुआ है जबकि सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की कविता प्रकृति का मानवीकरण करते हुए सरल तथा बोधगम्य भाषा में प्रकृति की सुन्दरता का वर्णन किया गया है|


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